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Wednesday, September 16, 2020
काश आज फिर....
कुछ समय ही सही ठहर जाते
कुछ पल ही सही मुझे सुन जाते
कितना सुन्ना है मेरा मन
काश तुम टटोल पाते
सब कुछ बिखरा था,मेरे मन की तरह
काश तुम समेट पाते
बहुत वक्त हुए तुमसे मिले
काश तुम भी तड़प पाते
रोते तुम भी हो,रोते हम भी है
काश दोनो मिलकर फिर से हँस पाते
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