Wednesday, September 16, 2020

काश आज फिर....

कुछ समय ही सही ठहर जाते
कुछ पल ही सही मुझे सुन जाते

कितना सुन्ना है मेरा मन
काश तुम टटोल पाते

सब कुछ बिखरा था,मेरे मन की तरह
काश तुम समेट पाते

बहुत वक्त हुए तुमसे मिले
काश तुम भी तड़प पाते

रोते तुम भी हो,रोते हम भी है
काश दोनो मिलकर फिर से हँस पाते

Sunday, August 2, 2020

इन्सान

वो वक्त था या क्या था
वो तुम थी या क्या था

हवा का कुछ कहना था 

या फिर कोई धोखा था 

जो भी था 

लगा तुम थी.....

Friday, April 3, 2020

कुछ पल

राहों को भी देखो कभी 
कोई अपना न पीछे छूट गया हो
क्या पता कोई अब भी तेरे 
इंतजार मे खड़ा हो,